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अनजान दिल
स्वाती राय चौधुरी
मेरा दिल तो मुझसे ही अनजान हैं
जब मैं कुछ कहना चाहती हूं
यह साथ नहीं देता
जब यह कुछ कहना चाहता हैं
मैं खामोश रह जाती हूं
मेरा दिल इस तरह अनजान है मुझसे कि
जब यह रोता हैं मैं हॅसती रहति हु
आंसु के हज़ार घुंट पी पी के
जीती रहती हुं ।
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