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तुझे चाँद की कसम
रीना नस्कर
ऐय चाँदनी तु जा एहांसे
रुठी रुठी है मौसम,
छोड़ दे मेरी हालत मे
तुझे चाँद की है कसम ।
मेरी इस पागल पन मे
तेरी ही तो हात है ,
आंधी मे भटक राही हूं
मेरी साया भी नही साथ है ।
ऐय चाँदनी तु जा एहांसे
तुझे इस रात की कसम ,
एहां राख है जिंदगी
होरियालि है बहम ।
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